ASIप्राचीन दुर्ग का स्थल, रुआम
प्राचीन दुर्ग का स्थल
सिंहभूम जिला गजेटियर 1910 के अंक में रुआम के प्राचीन किले का उल्लेख है । गजेटियर इस बात का भी उल्लेख करता है कि यह स्थान श्रावकों अथवा जैनों से संबद्ध था । स्थानीय परंपराओं के अनुसार रुवाम नामक राजा यहां से शासन करता था और उसी के नाम से इस स्थल का नाम रुवाम पडा । यह दुर्ग मिट्टी व उससे बनाई गई सुदृढ प्राचीर से निर्मित है । वर्त्तमान में यह स्थल एक टीले के रुप में परिवर्तित हो चुका है जिसके उपर ईटों के टुकड़े एवं लाल रंग के मृदभाण्डों के टुकड़े बिखरे पड़े है । इस स्थल के निकट ही एक प्राचीन सरोवर है जहां से तांबे के अवशेष मिले हैं जो यह इंगित करता है कि प्राचीन काल में यह तांबा गलाने व उनसे औजार निर्मित करने का एक केंद्र हुआ करता था । इस स्थल को एतिहासिक काल का माना गया है ।